हमीरपुर के इस गांव में नहीं कम हो पा रहा मौतों का सिलसिला...जाने
मौदहा हमीरपुर
ब्यूरो रिपोर्ट
उमरी गांव में एक बार फिर डेंगू बुखार से अधेड़ की मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग अब तक नहीं चेत रहा है और न ही बीमारी के रोकथाम के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे लोगों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है
उमरी गांव में डेंगू बुखार के चलते रामफल यादव (45) की गुरुवार सुबह हमीरपुर सदर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। भाई श्रीचंद्र यादव ने बताया कि उसे एक माह पहले बुखार आ रहा था। जिसे इलाज मौदहा सीएचसी में चल रहा था। जहां से उसे सैफई के लिए रेफर कर दिया था। जहां जांच के दौरान उसे डेंगू बुखार होने की पुष्टि हुई थी।
घर वापस आने के बाद उसे फिर से बुखार आना फिर शुरू हो गया। बताया कि बुखार के चलते सीने में इंफ्क्शन हो गया था। डेंगू व संक्रमित बुखार से बीते तीन महीने से उमरी व भरखरी गांव में पांव पसारे है। जिससे अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि मुस्करा सीएचसी प्रभारी बृजेंद्र राजपूत बराबर डेंगू बुखार को नकारते रहे।
मौदहा एसडीएम के गांव पहुंचने पर सीएचसी प्रभारी उच्चाधिकारियों को भी सही रिपोर्ट नहीं भेजते व कैंप के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने का ग्रामीण आरोप लगा चुके हैं।
ग्रामीणों ने डीडीटी व फांगिंग नहीं कराने की बात कही है। वहीं डा.बृजेंद्र राजपूत ने फोन पर बताया कि गुरुवार तड़के इस मरीज को मुस्करा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे। बताया कि उसे सीवियर कॉक्स, फेफड़ों का संक्रमध्स था। उसे हमीरपुर सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था।
कुछ भी हो पर प्रशासनिक अधिकारियों को इन गांवों से संबंधित जरुर कोई ना कोई समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्रावधान निकालना होगा ताकि आम जनमानस को इस बार की समस्या से बाहर निकाला जा सके और लोग शांतिपूर्वक अपनी जिंदगी जी सकें
ब्यूरो रिपोर्ट
उमरी गांव में एक बार फिर डेंगू बुखार से अधेड़ की मौत हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों के दौरे के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग अब तक नहीं चेत रहा है और न ही बीमारी के रोकथाम के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। जिससे लोगों को भारी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है
उमरी गांव में डेंगू बुखार के चलते रामफल यादव (45) की गुरुवार सुबह हमीरपुर सदर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। भाई श्रीचंद्र यादव ने बताया कि उसे एक माह पहले बुखार आ रहा था। जिसे इलाज मौदहा सीएचसी में चल रहा था। जहां से उसे सैफई के लिए रेफर कर दिया था। जहां जांच के दौरान उसे डेंगू बुखार होने की पुष्टि हुई थी।
घर वापस आने के बाद उसे फिर से बुखार आना फिर शुरू हो गया। बताया कि बुखार के चलते सीने में इंफ्क्शन हो गया था। डेंगू व संक्रमित बुखार से बीते तीन महीने से उमरी व भरखरी गांव में पांव पसारे है। जिससे अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि मुस्करा सीएचसी प्रभारी बृजेंद्र राजपूत बराबर डेंगू बुखार को नकारते रहे।
मौदहा एसडीएम के गांव पहुंचने पर सीएचसी प्रभारी उच्चाधिकारियों को भी सही रिपोर्ट नहीं भेजते व कैंप के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति करने का ग्रामीण आरोप लगा चुके हैं।
ग्रामीणों ने डीडीटी व फांगिंग नहीं कराने की बात कही है। वहीं डा.बृजेंद्र राजपूत ने फोन पर बताया कि गुरुवार तड़के इस मरीज को मुस्करा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाए थे। बताया कि उसे सीवियर कॉक्स, फेफड़ों का संक्रमध्स था। उसे हमीरपुर सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था।
कुछ भी हो पर प्रशासनिक अधिकारियों को इन गांवों से संबंधित जरुर कोई ना कोई समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्रावधान निकालना होगा ताकि आम जनमानस को इस बार की समस्या से बाहर निकाला जा सके और लोग शांतिपूर्वक अपनी जिंदगी जी सकें
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