रफाल डील के समझौते को लेकर हुआ बड़ा खुलासा सभी देशों के सामने जल्द ही......
क्या है रफाल सौदे का असली सच जानिए इस खास रिपोर्ट में....
देश विदेश
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक ऐसा बयान दिया है कि जिससे भारत के साथ-साथ फ्रांस में भी तहलका मची हुई है अप्रैल 2015 में भारत में मौजूदा सरकार ने फ्रांस जाकर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से मिल रफाल समझौते को लेकर चर्चा की थी जिसमें भारतीय कंपनी एच ए एल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड)का नाम शामिल था और कुछ ही दिन बाद भारत की सरकारी कंपनी को उसके ना काबिल बताते हुए भारत के अंबानी की कंपनी को के नाम को प्रस्तावित किया गया हालांकि यह मामला अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को यह नाम किसने प्रस्तावित किया है इस बात को लेकर तमाम तरह की जांचे व भारत के विदेश सचिव,फ्रांस के अन्य उच्चाधिकारी मिलकर इस बात की पुष्टि करने में लगे हुए हैं की आखिर भारतीय एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का नाम हटाकर अंबानी की कंपनी का नाम किसने प्रस्तावित किया है जबकि भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी लगभग 65 से 70 सालों के बीच भारत में कार्यरत है और तमाम तरह के विमान बनाने में सफल रही है बता दें कि रफाल सौदा लड़ाकू विमानों से जुड़ा हुआ है
कुछ समय पहले राहुल गांधी का ट्वीट के द्वारा बयान आ रहा था कि भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को राफेल सौदे के द्वारा 70% काम मिलना था परंतु उसे हटाकर अंबानी का नाम मौजूदा सरकार ने जोड़ दिया है जिससे स्पष्ट ना होने के कारण राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा भी ठोक दिया गया था परंतु अब इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और जल्द ही राफेल मामले को लेकर सच्चाई सभी देशों के सामने होगी
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फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने एक ऐसा बयान दिया है कि जिससे भारत के साथ-साथ फ्रांस में भी तहलका मची हुई है अप्रैल 2015 में भारत में मौजूदा सरकार ने फ्रांस जाकर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से मिल रफाल समझौते को लेकर चर्चा की थी जिसमें भारतीय कंपनी एच ए एल (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड)का नाम शामिल था और कुछ ही दिन बाद भारत की सरकारी कंपनी को उसके ना काबिल बताते हुए भारत के अंबानी की कंपनी को के नाम को प्रस्तावित किया गया हालांकि यह मामला अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद को यह नाम किसने प्रस्तावित किया है इस बात को लेकर तमाम तरह की जांचे व भारत के विदेश सचिव,फ्रांस के अन्य उच्चाधिकारी मिलकर इस बात की पुष्टि करने में लगे हुए हैं की आखिर भारतीय एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का नाम हटाकर अंबानी की कंपनी का नाम किसने प्रस्तावित किया है जबकि भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड कंपनी लगभग 65 से 70 सालों के बीच भारत में कार्यरत है और तमाम तरह के विमान बनाने में सफल रही है बता दें कि रफाल सौदा लड़ाकू विमानों से जुड़ा हुआ है
कुछ समय पहले राहुल गांधी का ट्वीट के द्वारा बयान आ रहा था कि भारतीय कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को राफेल सौदे के द्वारा 70% काम मिलना था परंतु उसे हटाकर अंबानी का नाम मौजूदा सरकार ने जोड़ दिया है जिससे स्पष्ट ना होने के कारण राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा भी ठोक दिया गया था परंतु अब इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है और जल्द ही राफेल मामले को लेकर सच्चाई सभी देशों के सामने होगी
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