केंद्र सरकार व रिजर्व बैंक के बीच चल रहे घमासान को शांत कराने में उतरे
(दिल्ली)
केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के बीच चल रहे घमासान से देश में एक चर्चा का विषय बन गया है और जो इतनी बड़ी संस्थाओं की इतनी बड़ी संस्थाओं की इतनी बड़ी संस्थाओं की इतनी बड़ी संस्थाओं की इतनी बड़ी संस्थाओं की साख इतनी बड़ी संस्थाओं की साख बनी हुई इतनी बड़ी संस्थाओं की साख बनी हुई है इतनी बड़ी संस्थाओं की साख बनी हुई है उसमें कहीं ना कहीं लचीलापन यानी कह सकते हैं कि साख को भी ठेस पहुंच सकती है अभी कुछ ही दिन पूर्व इन्वेस्टीगेशन ऑफ क्राइम ब्रांच व केंद्र सरकार के बीच हुई तनातनी का माहौल चल रहा था हालांकि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच विभिन्न मुद्दों पर जारी टकराव को खत्म करने के लिए गवर्नर उर्जित पटेल ने 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। सूत्रों के अनुसार, पटेल शुक्रवार को दिल्ली में थे और वह प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों से भी मिले।
ऐसा कहा जा रहा है कि इन मुलाकातों में पीएम मोदी के साथ बैठक भी शामिल है। इन मुलाकातों का मकसद कैश रिजर्व को लेकर वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच उत्पन्न मतभेद सुलझाना माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि आरबीआई छोटे एवं मझोले उद्योगों को कर्ज देने की विशेष व्यवस्था करने को तैयार हो गया है।
हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए कैश की स्थिति को आसान बनाने और आरबीआई के अपने अधिशेष में से कुछ राशि जारी करने पर कोई सहमति बनी है या नहीं। सरकार और आरबीआई के बीच स्वायत्तता के मुद्दे को लेकर तनाव इस वजह से भी बढ़ गया था क्योंकि वित्त मंत्रालय ने उसके खिलाफ सेक्शन-7 के इस्तेमाल की बात कही थी। यह सरकार को जनहित के मुद्दों पर रिजर्व बैंक गवर्नर को निर्देश देने का अधिकार देती है। वैसे भी आरबीआई की रिजर्व पूंजी को केंद्र सरकार को बगैर अधिकारियों की सहमति से लेने का अधिकार नहीं है रिजर्व बैंक की रिजर्व पूंजी पर केवल आरबीआई का ही अधिकार है वह जिसे चाहेगी आवश्यकता के अनुसार दे सकती हैं
Comments
Post a Comment